नई दिल्ली, 1 जून . रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (आरसीबी) के मेंटर दिनेश कार्तिक ने टीम के कप्तान रजत पाटीदार की जमकर तारीफ की है. कार्तिक के अनुसार, पाटीदार ने कप्तान बनने के बाद भी अपना व्यवहार बनाए रखा है. उन्होंने कहा कि 32 वर्षीय पाटीदार बिल्कुल वैसे ही हैं, जैसे कप्तान बनने से पहले थे.
आईपीएल 2025 से पहले आरसीबी ने पाटीदार को कप्तान बनाकर सभी को चौंकाया. वह पहली बार आईपीएल टीम का नेतृत्व कर रहे हैं. इससे पहले पाटीदार अपनी कप्तानी में मध्य प्रदेश को 2024-25 सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के फाइनल में पहुंचा चुके हैं.
कार्तिक ने आरसीबी की ‘जर्नी टू द फिनाले’ के दूसरे एपिसोड में कहा, “रजत पाटीदार मेरे लिए जीवन के सबसे बड़े ‘आई ओपनर’ रहे हैं, क्योंकि जब लोगों को अचानक थोड़ी तारीफ, पावर मिलती है, तो वे बदल जाते हैं. यह सामान्य है. उनका व्यवहार, जिस तरह से वे बातचीत करते हैं. कहीं न कहीं, कुछ न कुछ तो दिखेगा ही. लेकिन, रजत पाटीदार के साथ, वह क्या आदमी हैं. एक ऐसे व्यक्ति के लिए जो आरसीबी का कप्तान है और आज वह फैसले लेता है. वह बिल्कुल वैसा ही रजत है, जैसा वह कप्तान बनने से पहले था.”
आरसीबी ने पंजाब किंग्स के खिलाफ आठ विकेट की शानदार जीत के साथ नौ साल बाद आईपीएल फाइनल में प्रवेश किया है. टीम की बॉलिंग यूनिट ने एक साथ मिलकर शानदार प्रदर्शन किया और पंजाब को 14.1 ओवर में सिर्फ 101 रन पर ढेर कर दिया. बल्ले से काइल जैमीसन की चुनौती के बावजूद, आरसीबी ने फिल साल्ट की शानदार पारी की बदौलत सिर्फ 10 ओवर में लक्ष्य हासिल किया और फाइनल में जगह पक्की कर ली.
आरसीबी के क्रिकेट डायरेक्टर मो बोबाट ने पाटीदार के संयमित दृष्टिकोण और सहयोगी नेतृत्व शैली पर भी बात की. उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि रजत ने जो सबसे प्रभावशाली चीजें दिखाई हैं, उनमें से एक यह है कि वह एक व्यक्तित्व और चरित्र के रूप में ऐसा करते हैं, जो कोई भी उन्हें जानता है, उसे पता है कि वह अविश्वसनीय रूप से शांत हैं. उन्हें अपने आस-पास मौजूद खिलाड़ी का इस्तेमाल करते हुए देखना अच्छा रहा, चाहे वह उप-कप्तान के रूप में जितेश हों या सीनियर खिलाड़ी के रूप में विराट, दूसरे सीनियर खिलाड़ी के रूप में क्रुणाल या यहां तक कि जोश हेजलवुड जैसे कोई खिलाड़ी.”
बोबाट ने कहा, “हमने इस सीजन में शानदार निरंतरता बनाए रखी है. हमें उन दूर के वेन्यू पर जाने में कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ा और यहीं से हमने शुरुआत की. मुझे लगता है कि घर से दूर चेन्नई और मुंबई जैसे स्थानों पर पहले कुछ गेम जीतना, लड़कों के लिए वास्तविक आत्मविश्वास था.”
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह अविश्वसनीय रूप से मददगार था. हमने शुरुआत में अपने घर पर थोड़ा संघर्ष किया, लेकिन जब हम यह पता लगाने में कामयाब रहे कि घर पर कैसे जीतना है, तो इससे लड़कों को भी बहुत आत्मविश्वास मिला और फिर हम थोड़ा आगे बढ़ गए.”
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आरएसजी/एबीएम
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