New Delhi, 13 अक्टूबर . विश्व मानक दिवस हर साल 14 अक्टूबर को मनाया जाता है. इसका मुख्य उद्देश्य मानकों के महत्व को समझाना और उन्हें जनता तक पहुंचाना है. इस दिन मानक बनाने वाली संस्थाओं जैसे आईएसओ और अन्य राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के योगदान को सराहा जाता है.
आईएसओ एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 23 फरवरी 1947 को हुई थी. इसका मुख्यालय स्विट्जरलैंड के जिनेवा में है और यह 165 देशों में मानक स्थापित करता है. आईएसओ के मानक तकनीकी, औद्योगिक और वाणिज्यिक क्षेत्रों में विश्व स्तर पर गुणवत्ता और सुरक्षा बनाए रखने में मदद करते हैं.
हमारे रोजमर्रा के कामों में जब हम कोई चीज खरीदते हैं, कोई सेवा लेते हैं या फिर कोई सामान बनाते हैं, तो वहां कुछ नियम या मानक होते हैं. ये मानक इसलिए बनाए जाते हैं ताकि चीजें सही तरीके से बनी रहें, सुरक्षित हों और सबके लिए बराबर हों. अगर ये मानक न हों, तो चीजें गड़बड़ हो सकती हैं, गुणवत्ता खराब हो सकती है और नुकसान भी हो सकता है.
विश्व मानक दिवस का मकसद यही है कि लोग समझें कि मानक केवल नियम नहीं हैं, बल्कि ये हमारी जिंदगी को बेहतर और आसान बनाते हैं. मानकों की वजह से हमें भरोसा होता है कि जो चीज हम खरीद रहे हैं, वो सुरक्षित और अच्छी है.
विश्व मानक दिवस के मौके पर कई कार्यक्रम और जागरूकता अभियान आयोजित किए जाते हैं ताकि लोगों को मानकों के फायदे समझाए जा सकें. ये मानक न सिर्फ उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाते हैं, बल्कि वैश्विक व्यापार को भी आसान और पारदर्शी बनाते हैं. आज के समय में जब तकनीक तेजी से बढ़ रही है, तो मानकों की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है.
मानकों की वजह से उद्योगों को एक-दूसरे के साथ बेहतर तालमेल और सहयोग मिलता है, जिससे ग्राहक संतुष्ट रहते हैं. उदाहरण के तौर पर, अगर आपका मोबाइल फोन चार्जर आईएसओ मानकों के अनुसार बना है, तो वह आपके फोन को सुरक्षित रखेगा और खराबी का खतरा कम होगा.
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पीआईएम/एबीएम
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