Next Story
Newszop

भूपेन हजारिका ने जब मां की लोरी से प्रेरित होकर बनाया था 'रुदाली' का गीत

Send Push

Mumbai , 7 सितंबर . भूपेन हजारिका (1926–2011) भारत के महान गायक, संगीतकार, गीतकार, कवि, फिल्म निर्माता और साहित्यकार थे. असमिया, हिंदी और अन्य कई भाषाओं में रचे उनके गीत सामाजिक सरोकार, मानवीय संवेदनाओं और सांस्कृतिक एकता के प्रतीक माने जाते हैं.

उनकी आवाज में एक जादू था जो सीधे दिल को छूता था. उन्होंने फिल्म संगीत से लेकर जन आंदोलन तक अपनी गायकी और लेखन से लोगों को जागरूक और प्रेरित किया.

भूपेन हजारिका को भारत रत्न (2019, मरणोपरांत), पद्म भूषण, पद्मश्री, और राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जैसे कई बड़े सम्मान मिले.

महान गायक भूपेन हजारिका ने अपनी आत्मकथा “मई एति यायाबार” (मैं एक खानाबदोश हूं) में अपने जीवन के अनुभवों और अपनी संगीत यात्रा के बारे में बताया है. इस किताब का हर अध्याय उनकी कला का एक नया आयाम खोलता है. इसी किताब से जुड़ा एक ऐसा किस्सा है जो बताता है कि उनका सबसे प्रसिद्ध हिंदी गीत, उनकी अपनी मां की लोरी से जन्मा था.

भूपेन दा अपनी आत्मकथा में बताते हैं कि उनका बचपन ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे बीता, जहां उनकी मां, शांतिप्रिया, उन्हें अक्सर लोकगीत और लोरी सुनाती थीं. उनकी मां की आवाज ही उनके लिए संगीत की पहली पाठशाला थी.

लेकिन उनकी मां की एक लोरी बहुत ही अनोखी थी. वह लोरी के बीच में एक धुन गुनगुनाती थीं जिसमें “हूम हूम” की आवाज आती थी. यह पारंपरिक लोरी नहीं थी, बल्कि यह उनके दिल की धड़कन या उनके अंदर की भावनाओं की गूंज थी. यह धुन भूपेन के मन में गहराई तक उतर गई. उन्हें लगता था कि इस “हूम हूम” की आवाज में एक अजीब सा सूनापन और वेदना थी, जो किसी भी शब्द से अधिक शक्तिशाली थी.

कई सालों बाद जब भूपेन हजारिका निर्देशक कल्पना लाजमी की फिल्म “रुदाली” के लिए संगीत बना रहे थे, तो उन्हें एक ऐसे गाने की जरूरत थी जो अकेलेपन और दर्द को बयां कर सके. इस फिल्म की कहानी एक ऐसी महिला के बारे में थी जो दुख और वेदना को महसूस तो करती है, लेकिन उसे शब्दों में बयां नहीं कर पाती.

इसी दौरान उन्हें अपनी मां की वही “हूम हूम” वाली लोरी याद आई. उन्होंने तुरंत गुलजार को बुलाया और उनसे कहा कि वह इस धुन पर कुछ ऐसा लिखें जो उस खालीपन को भर सके. गुलजार ने भूपेन की भावनाओं को समझा और गीत लिखा, “दिल हूम हूम करे, घबराए…”.

जब भूपेन हजारिका ने यह गाना गाया, तो उन्होंने सिर्फ शब्दों को नहीं गाया, बल्कि अपनी मां की लोरी की उस भावना को आवाज दी. यह गाना एक कालजयी रचना बन गया, जिसने लाखों दिलों को छुआ और आज भी लोगों को रुला देता है.

जेपी/एएस

Loving Newspoint? Download the app now