वाशिंगटन, 1 सितंबर . अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने Monday को New Delhi के साथ वाशिंगटन के व्यापारिक संबंधों की आलोचना तेज करते हुए व्यापारिक संबंधों को ‘एकतरफा’ बताया.
अपने social media प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर एक पोस्ट करते हुए ट्रंप ने तर्क दिया कि भारत, अमेरिका को ‘भारी मात्रा में सामान’ निर्यात करता है, लेकिन अमेरिकी कंपनियों को अधिक टैरिफ बाधाओं का सामना करना पड़ता है. इसके कारण भारतीय बाजार में बिक्री करने की उनकी क्षमता गंभीर रूप से सीमित हो जाती है. उन्होंने लिखा, “बहुत कम लोग यह समझते हैं कि हम भारत के साथ बहुत कम व्यापार करते हैं, लेकिन वे हमारे साथ बहुत अधिक व्यापार करते हैं.”
ट्रंप के अनुसार, भारत ने ऐतिहासिक रूप से ‘किसी भी देश की तुलना में सबसे अधिक’ टैरिफ लगाए हैं, जिससे उनके अनुसार ‘कई दशकों’ तक चलने वाला असंतुलित और अनुचित व्यापार संबंध बना है. उन्होंने दावा किया कि इस स्थिति ने अमेरिकी व्यवसायों को नुकसान में डाल दिया है, जबकि अमेरिका भारत का ‘सबसे बड़ा ग्राहक’ बन गया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ने रूस से भारत की रक्षा और ऊर्जा खरीद की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, “भारत अपना अधिकांश तेल और सैन्य उत्पाद रूस से खरीदता है, जबकि अमेरिका से बहुत कम खरीदता है.”
ट्रंप ने दावा किया कि भारत ने अब “अपने टैरिफ को पूरी तरह से कम करने की पेशकश की है, लेकिन अब देर हो रही है.”
4 अगस्त को, ट्रंप ने भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद पर भी इसी तरह की चिंता जताई थी. उन्होंने ‘ट्रुथ’ सोशल पर लिखा, “भारत न केवल भारी मात्रा में रूसी तेल खरीद रहा है, बल्कि खरीदे गए अधिकांश तेल को खुले बाजार में भारी मुनाफे पर बेच भी रहा है.”
वरिष्ठ व्यापार सलाहकार पीटर नवारो और वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट जैसे ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने रूसी कच्चा तेल खरीदने के लिए भारत पर अक्सर निशाना साधा है. साथ ही, उन्होंने भारत से अपना रुख बदलने की मांग की है.
वहीं, भारत ने इन आरोपों को खारिज करते हुए 50 प्रतिशत अमेरिकी टैरिफ लगाने को ‘अनुचित’ बताया है.
यह टिप्पणी वाशिंगटन और New Delhi के बीच बढ़ते व्यापार तनाव को और बढ़ा सकती है, जिसमें टैरिफ और बाजार पहुंच प्रमुख मुद्दे बनकर उभर रहे हैं.
ट्रंप की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब भारतीय Prime Minister Narendra Modi चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे. Prime Minister मोदी ने चीन में अपने दो दिवसीय प्रवास के दौरान रूस और चीन के राष्ट्रपतियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी कीं.
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एससीएच/डीएससी
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