राजकोट, 20 अक्टूबर . दीपावली का पर्व Monday को Gujarat के राजकोट में पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है.
इस अवसर पर व्यापारी वर्ग ने अपने बहीखातों का पूजन किया, जो उनके व्यापार का हिसाब-किताब संभालते हैं. दीपावली पर पुराने चोपड़ों की पूजा के साथ-साथ नए बहीखाते भी खरीदे गए. व्यापारियों का कहना है कि डिजिटल युग में भी चोपड़ा पूजन की परंपरा का महत्व बरकरार है.
लाखाजीरोड पर एक पुरानी पीढ़ी के मालिक ने बताया कि उनका परिवार चार पीढ़ियों से इस व्यवसाय में है और उन्हें कभी कोई कमी नहीं झेलनी पड़ी. उन्होंने कहा, “डिजिटल युग में भी लोग उत्साह के साथ चोपड़ा पूजन करते हैं. तकनीक बदल गई, लेकिन परंपरा का महत्व वही है.”
वहीं, समाचार एजेंसी से बातचीत में व्यापारी कयूरी शाह ने बताया कि उनके यहां दीपावली पूजा से जुड़ी सामग्री और बहीखातों की पुस्तकें उपलब्ध हैं. लोगों में इसे खरीदने का रूझान भी देखने को मिल रहा है. इसे मैं एक शुभ संकेत के रूप में देखती हूं.
उन्होंने कहा, “डिजिटल युग में भी लोगों में किताबों और परंपराओं के प्रति रुझान कम नहीं हुआ. हमारे यहां बड़ी संख्या में युवा बहीखाते और पूजा सामग्री खरीदने आते हैं. हम चाहते हैं कि हमारी परंपराएं और अनुष्ठान हमेशा जीवित रहें.”
कयूरी ने इस बात पर जोर दिया कि दीपावली का यह पर्व न केवल व्यापारिक समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि सांस्कृतिक विरासत को भी आगे बढ़ाता है.
उन्होंने आगे कहा, ‘राजकोट के बाजारों में दीपावली की रौनक देखते ही बन रही है. व्यापारी और स्थानीय लोग इस पर्व को उत्साह के साथ मना रहे हैं. पूजन के साथ-साथ मिठाइयां, दीये और रंगोली जैसी परंपराएं भी शहर में जोर-शोर से नजर आईं.
उन्होंने कहा, “यह पर्व न केवल आर्थिक समृद्धि का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकता और परंपराओं को जीवित रखने का भी अवसर प्रदान करता है.”
–
एसएचके
You may also like
मैथिली ठाकुर ने छठ पर्व से पहले भक्ति गीत 'छठ की महिमा' किया रिलीज
बेन करन का शतक, जिम्बाब्वे ने अफगानिस्तान पर बनाई 232 रन की बढ़त
महागठबंधन फटी हुई छतरी, सहारे से जो उड़ेगा वो गिरेगा: मुख्तार अब्बास नकवी –
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए व्यवस्था का किया आकलन
बिहार के वैसे विधानसभा सीटों की कहानी जहां जीत हार का अंतर रहा कम! जानिए राजनीतिक पार्टियों की सियासी चालबाजी