लखनऊ, 19 मई . उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय, गोरखपुर के निर्माण कार्यों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट अल्टीमेटम दिया है कि सभी शेष निर्माण कार्य 31 जुलाई तक पूर्ण किए जाएं.
उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि गुणवत्ता और मानकों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रमुख भवनों, जैसे प्रयोगशालाओं, पुस्तकालय, प्रशासनिक ब्लॉक, योगहाल, फैकल्टी और स्टाफ कक्ष आदि की गुणवत्ता का कड़ाई से निरीक्षण किया जाए ताकि किसी भी कमी की गुंजाइश न रहे.
उन्होंने अधिकारियों को ऑडिटोरियम निर्माण की नियमित समीक्षा करने और निर्माण में तेजी लाने का भी आदेश दिया. साथ ही, परिसर में हरियाली बढ़ाने के लिए पौधारोपण भी सुनिश्चित करने को कहा गया है.
अधिकारियों ने बताया कि टाइप-1 से लेकर टाइप-4 भवन, फैकल्टी सेंटर, वीसी रेजिडेंस और पुलिस चौकी का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. वहीं, एकेडमिक और प्रशासनिक ब्लॉक, गेस्ट हाउस, गर्ल्स एवं बॉयज हॉस्टल, मोर्चरी, कॉटेज और एक्सटर्नल डेवलपमेंट का काम तेजी से जारी है और 10 जून तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. ऑडिटोरियम का काम भी प्रगति पर है और जुलाई तक इसका शेष कार्य पूर्ण हो जाएगा.
मुख्य सचिव ने साफ शब्दों में कहा कि किसी भी तरह की लापरवाही या देरी राज्य सरकार की छवि पर बट्टा लगा सकती है. उन्होंने अधिकारियों को सतर्क और जवाबदेह बनने का निर्देश देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय प्रदेश की शैक्षणिक विरासत में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, इसलिए इसका निर्माण सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता और समय पर ही पूरा होना चाहिए. प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय के अस्तित्व में आने से पहले आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी, प्राकृतिक चिकित्सा, योग, सिद्धा की चिकित्सा पद्धति, जिन्हें समन्वित रूप में आयुष कहा जाता है.
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विकेटी/डीएससी
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