पेन की रिफिल खत्म हो जाने पर अक्सर इसे कचरे में फेक दिया जाता है। जिसके बाद यह प्लास्टिक कचरा एक बड़ा खतरा बनकर सामने आता है। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। । लेकिन अब एक संस्था की ओर से इसका विकल्प तलाश लिया गया है। जिसके बाद अब रिफिल ख’त्म होने पर भी यह पेन कचरा नहीं बनेगा। यह पेन स्वर्ण मनी यूथ वेलफेलर नाम की संस्था की ओर से तैयार किया गया है।
संस्था से जुड़े युवाओं ने अखबार के पन्नों से यह पेन तैयार किया है। यह पेन खुद नष्ट हो जाएगा और बहुत कम मात्रा में प्लास्टिक कचरा उत्पन्न करेगा। वहीं अगर इस पेन की रिफिल निकालकर गमले या मिट्टी में फेंक दी जाए तो वह पौधे के रूप में बदल जाएगी। दरअसल पेन के एक हिस्से में पौधे के बीज भरे गये हैं।
संस्था के रोहित कुमार वर्ल्ड यूथ फेस्टिवल के तहत रूस गये हुए थे। जहां उन्होंने पाया कि खुद से नष्ट होने वाले पेन का इस्तेमाल किया जाता है। जिसके बाद काफी मेहनत कर उन्होंने यह पने तैयार किया। यदि कोई यह पेन खरीदना चाहता है तो सीधे संस्था के पेज पर जाकर उसे खरीद सकता है।
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