सांप को देखकर हर किसी के मन में केवल यही ख्याल आता है कि सांप बहुत ही जहरीले होते हैं और अगर किसी को डंस से ले तो उसकी जान पर बन आती है। लेकिन कईं सारे सांप ऐसे भी होते हैं जो तंत्र विद्या और दवाईयां बनाने के काम आते हैं। खासकर दो मुंहे सांप की अतरराष्ट्रीय बाज़ार में बहुत ज्यादा डिमांड हैं और इसीलिए इन सांपों की बोली करोड़ रुपए तक पहुंच जाती है। आज हम आपको ऐसे ही एक दो मुंहे सांप के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी बाज़ार में भारी डिमांड है।
उत्तरप्रदेश के मेरठ में ये सांप काफी मात्रा में पाए जाते हैं। हस्तिनापुर से गढ़मुक्तेश्वर तक गंगा किसाने का पूरा इलाका रेतीला है जिसे खादर कहते हैं, इसी इलाके में ये सांप रहते हैं, इन्हें सेंड बोआ स्नेक कहा जाता है। कम मात्रा में पाए जाने वाले जीव होने के चलते इन्हें पकड़ना या बेचना गैरकानूनी है क्यों कि ये संरक्षित श्रेणी में आते हैं। इसीलिए चोरी छिपे इसकी तस्करी की जाती है।
दो मुंहा सेंड बोआ मटमेले और हल्के पीले रंग का होता है। इसे ढूंढना इतना आसान नहीं हैं, क्यों कि ये पूरा इलाका गंगा नदी के किनारे वाला इलाका है और रेतीली जमीन हैं। सांप अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए जमीन के काफी अंदर रहता है और इसे पकड़ने के लिए जमीन काफी गहरी खोदनी पड़ती है तब जाकर कही बोआ स्नेक मिल पाता है। सपेरे समुह में रहकर इसे पकड़ने के लिए कईं दिन तक मेहनत करते हैं तब जाकर कहीं ये मिलता है।
एक सपेरे ने बताया कि खादर इलाके में मिलने वाला मटमेला सांप इतना उपयोगी तो नहीं होता लेकिन इसकी डिमांड बहुत ज्यादा है। इसके उलट गहरे लाल रंग वाला बोआ स्नेक ज्यादा उपयोगी होता है और इसकी कीमत भी बहुत ज्यादा होती हैं। उसने हाल ही में एक लाल रंग का दो मुंहा सांप पकड़ा था जो सवा लाख रुपए में बिका था, इस सांप को पकड़ने में एक सप्ताह का समय लगा था।
एक सांप कईं काम करता हैं
सेंड बोआ स्नेक का सबसे ज्यादा उपयोग दवाई बनाने वाली कंपनिया करती हैं जो इन्हें सेक्स पावर बनाने वाली दवाई बनाने के लिए काम में लेती हैं, कुछ लोग इसे एड्स की बीमारी के इलाज के लिए भी काम में लेते हैं। हमारे देश में इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल तांत्रिक कृियाओं को साधने में किया जाता है। मोटी चमड़ी होने के चलते सांप की खाल का इस्तेमाल महंगे जूते, पर्स, बेल्ट और जैकेट जैसी चमड़े की चीज़ो को बनाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
कईं राज्यों में होती है तस्करी
केवल उत्तरप्रदेश में ही नहीं बिहार, हरियाणा, मध्यप्रदेश और बंगाल में भी ये सांप मिलते हैं और यहीं से इनकी तस्करी की जाती है। सांप पकड़ने वाले सपेरों को तो इसके कुछ लाख रुपए ही मिलते हैं लेकिन दिल्ली समेत बड़े शहरों में मौजूद एजेंट्स इन्हें विदेश में करोड़ों रुपए में बेचते हैं। चीन और अमेरिका जैसे देशों में इनकी भारी डिमांड हैं। वन विभाग इन पर पैनी नज़र रखता है और कईं बार सपेरों को तस्करी करते हुए पकड़ भी लिया जाता है।
दो मुंह का नहीं होता
सेंड बोआ स्नेक को दो मुंहा सांप भले ही कहा जाता हो लेकिन असलियत ये है कि इसका मुंह एक ही होता है, पीछे की तरफ इसकी पूंछ होती है जो मुंह जैसी ही दिखती है इसलिए इसे दो मुंहा सांप कहते हैं। एक खास बात ये भी है कि इस सांप में जहर नहीं होता।
You may also like
सब जूनियर की राष्ट्रीय जूडो चैंपियनशिप 2025 की टीम में मुरादाबाद के मनमीत व सुहानी ने बनाई जगह
Happy Birthday Gautam Gambhir: टीम इंडिया जीतकर देगी गौतम गंभीर को बर्थडे गिफ्ट, वेस्टइंडीज को खास दिन पटकने की प्लानिंग तैयार
14 अक्टूबर 2025 वृश्चिक राशिफल : व्यापारियों को होगा तगड़ा मुनाफा, सेहत का मिलेगा साथ
चार साल से लंबित बदनी मीणा का अनुग्रह अनुदान भुगतान, सांसद डॉ. मन्नालाल रावत के हस्तक्षेप से फाइल आगे बढ़ी
Rubicon Research IPO GMP पहुंचा उच्चतम स्तर पर, मिला 109 गुना सब्सक्रिप्शन, जानें शेयर अलॉटमेंट स्टेटस चेक करने के स्टेप्स और लिस्टिंग डेट