ब्यास नदी के किनारे अक्सर पशुओं के दलदल में फंसने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। रविवार को भी कुछ ऐसा ही देखने काे मिला जब डाडासीबा के पास स्थित झील के किनारे एक गाय दलदल में फंस गई।
ब्यास नदी के किनारे अक्सर पशुओं के दलदल में फंसने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। रविवार को भी कुछ ऐसा ही देखने काे मिला जब डाडासीबा के पास स्थित झील के किनारे एक गाय दलदल में फंस गई। इस गाय को सैर करने गए भाजपा नेता और समाजसेवी अचल पठानिया ने देखा और उसे दलदल से निकालने की कोशिश की, लेकिन बिना साधनों के प्रयास करना मुश्किल था। अचल पठानिया ने हार न मानते हुए तुरंत गांव के युवाओं को बुलाया और मिलकर गाय को दलदल से बाहर निकालने की कोशिश तेज की। हालांकि अंधेरा बढ़ने लगा, लेकिन युवाओं का उत्साह कम नहीं हुआ। अंततः अचल पठानिया और युवाओं ने मिलकर गाय को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
इस दौरान अचल पठानिया ने सवाल उठाया कि यह गाय किसकी थी और क्या इसके मालिक ने उसे खोजने का प्रयास किया था। हालांकि, किसी भी गाय के खोने की सूचना नहीं मिली। अचल पठानिया ने कहा कि आजकल सिर्फ दूध के लिए पशु पाले जाते हैं और बाद में उन्हें बेसहारा छोड़ दिया जाता है। अचल पठानिया ने इस समस्या पर चिंता जताते हुए कहा कि इंसानियत का स्तर गिरता जा रहा है। एक हिंदू होने के नाते उन्होंने अपना धर्म निभाया और गाय को बाहर निकाला। उन्होंने अपील की कि लोग जरूरत न होने पर पशुओं को बेसहारा छोड़ने से बचें। इस तरह के कृत्य से कई गौवंश अपनी जान गंवा चुके हैं। उन्होंने गाय को दलदल से बाहर निकालने में मदद करने वाले युवाओं का धन्यवाद भी किया।
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