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सफेद दाग: कारण, उपचार और घरेलू उपाय

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सफेद दाग का परिचय

सफेद दाग, जिसे श्वेत कुष्ठ भी कहा जाता है, एक त्वचा संबंधी समस्या है। यह संक्रामक नहीं है, लेकिन इसके प्रति समाज में पूर्वाग्रह हो सकते हैं। विश्वभर में लगभग चार प्रतिशत लोग इस समस्या से प्रभावित हैं, जबकि भारत में यह संख्या लगभग पांच करोड़ है।


यह दाग प्रारंभ में छोटा होता है, लेकिन समय के साथ बड़ा हो सकता है। इससे प्रभावित व्यक्ति को कोई शारीरिक दर्द या खुजली नहीं होती, लेकिन यह मानसिक तनाव और हीनता की भावना पैदा कर सकता है।


सफेद दाग के कारण

आयुर्वेद के अनुसार, सफेद दाग उन लोगों में अधिक होता है जो असंगत भोजन करते हैं, जैसे दूध के साथ मछली। इसके अलावा, डकार, छींक, उल्टी, और शौच को रोकने से भी यह समस्या उत्पन्न हो सकती है।


धूप में अधिक समय बिताने, भोजन के बाद व्यायाम करने, और खट्टी या गर्म चीजें खाने से भी सफेद दाग हो सकते हैं। यह समस्या वंशानुगत भी हो सकती है।


सफेद दाग के लिए आहार और उपचार

सफेद दाग से प्रभावित व्यक्तियों को ताजा और शाकाहारी भोजन करना चाहिए। उन्हें त्रिफला के पानी में भिगोए हुए अंकुरित चने, मूंग, और हरी सब्जियों का सेवन करना चाहिए।


खट्टे पदार्थ, तेल, और गर्म मसालों से बचना चाहिए। मांस का सेवन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए।


सफेद दाग के लिए कुछ घरेलू उपाय भी हैं, जैसे काली मिर्च का उपयोग, लहसुन का रस, और नीम का तेल। इनका नियमित उपयोग करने से लाभ मिल सकता है।


अन्य घरेलू उपाय

सफेद दाग के लिए कई अन्य उपाय भी हैं, जैसे अदरक का रस, बथुआ, और काजू का सेवन। इन उपायों को अपनाने से रोगी को राहत मिल सकती है।


सफेद दाग के उपचार में धूप का स्नान और नियमित व्यायाम भी फायदेमंद हो सकता है।


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