पाकिस्तान में हिंदू समुदाय और उनके मंदिरों पर हो रहे अत्याचारों की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं। इस पड़ोसी देश में हिंदुओं का शोषण निरंतर जारी है। हाल ही में कराची से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने वहां के मुस्लिम समुदाय को हिंदू देवी-देवताओं की ओर आकर्षित किया है। अब कई मुस्लिम लोग भोलेनाथ के जयकारे लगाते हुए देखे जा रहे हैं।
मीट की दुकान के लिए मंदिर तोड़ने की योजना मंदिर तोड़कर बनाना चाहते थे मीट की दुकान
यह घटना कराची के एक व्यस्त बाजार में स्थित एक प्राचीन शिव मंदिर से शुरू होती है। पाकिस्तान में हिंदुओं की संख्या कम होने के कारण इस मंदिर को कोई विशेष संरक्षण नहीं मिलता था। कट्टरपंथी मुस्लिमों ने इस मंदिर को तोड़कर वहां मीट की दुकान बनाने की योजना बनाई।
जेसीबी मशीन की खराबी शिव की महिमा से जेसीबी हुआ खराब

सरकार से अनुमति मिलने के बाद, मुस्लिम समुदाय ने मंदिर को तोड़ने का काम शुरू किया। लेकिन जैसे ही जेसीबी मशीन ने मंदिर के मुख्य शिखर को गिराने की कोशिश की, वह अचानक खराब हो गई। यह देखकर वहां मौजूद लोग हैरान रह गए।
बिल्डर को मिला दंड भोलेनाथ ने बिल्डर का दिया दंड
बिल्डर ने फिर से एक नई क्रेन मंगवाई, लेकिन जैसे ही वह मंदिर के शिखर की ओर बढ़ी, उसे अपने बेटे की बीमारी की खबर मिली। यह सुनकर वह तुरंत अस्पताल चला गया, जिससे मंदिर को तोड़ने का काम रुक गया।
शिव की महिमा का चमत्कार शिव ने दिखाई अपनी महिमा
बिल्डर ने कई तांत्रिकों से मदद मांगी, लेकिन कोई भी उसके बेटे को ठीक नहीं कर सका। अंततः उसे एक सपने में शिवजी के दर्शन हुए, जिन्होंने उसे बताया कि मंदिर को बचाने पर ही उसका बेटा ठीक होगा। इसके बाद बिल्डर ने मंदिर को तोड़ने का आदेश रद्द कर दिया और उसका जीर्णोद्धार करवाया। कुछ समय बाद, उसका बेटा ठीक हो गया। इस घटना ने आसपास के लोगों को भी शिव और सनातन धर्म की ओर आकर्षित किया।
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