फेस्टिव सीजन के शुरुआत होते ही भारतीय बाजारों में रौनक आ गई थी। अब दिवाली और धनतेरस से पहले ही सोने और चांदी की कीमते बढ़ गई हैं। साल 2025 में अब तक सोने की कीमत 47% और चांदी की 52% से अधिक बढ़ चुकी है।
MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया) पर हाल ही में सोने की कीमत 1,18,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चली गई है। इन्वेस्टर्स यह देख रहे हैं कि दिवाली और धनतेरस के करीब सोने की कीमत कहां तक जाती है।
खत्म नहीं हुई है रैलीमार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की रैली अभी खत्म नहीं हुई है और दिवाली तक इसकी कीमत 1,22,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है।
2025 में सोने और चांदी की तेजी को ग्लोबल और डोमेस्टिक के ट्रिगर्स का सपोर्ट मिला है। इसमें फेस्टिव सीजन में बढ़ी हुई मांग, सेंट्रल बैंक RBI की नीतियां, जियो-पॉलिटिकल टेंशन्स और ETF में लगातार निवेश ने कीमतों को रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचाया। चांदी भी इस रैली में शामिल है और ₹1,44,000 प्रति किलो के ऊपर ट्रेड कर रही है, और त्योहार तक ₹1,50,000 तक जाने की संभावना है।
जियो-पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने पर और बढ़ सकती हैं कीमतेंऑगमॉन्ट की हेड ऑफ रिसर्च, रेनिशा चैनानी के अनुसार, दिवाली तक बाजार “बुलिश-से-कंसोलिडेशन फेज” में प्रवेश कर सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले नौ महीनों में तेजी के कारण कुछ इन्वेस्टर्स शॉर्ट टर्म में मुनाफा निकाल सकते हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म का रुझान अभी भी मजबूत है।
उन्होंने कहा, “MCX पर सोना ₹1,18,000 के ऊपर और चांदी ₹1,44,000 के ऊपर ट्रेड कर रही है। अमेरिकी सरकार के शटडाउन, टैरिफ अनिश्चितता और फेड द्वारा संभावित दर कटौती के चलते सुरक्षित निवेश की मांग मजबूत बनी हुई है।”
अगर जियो-पॉलिटिकल टेंशन बढ़ता है तो दिवाली तक सोने की कीमत $3950–$4000 (₹1,20,000–₹1,22,000) और चांदी $49–$50 (₹1,48,000–₹1,50,000) तक जा सकती है।
चांदी को इंडस्ट्रियल और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में बढ़ती मांग का फायदारैनिशा कहती हैं कि बुलिश रुझान बने रहने के पीछे कई अहम वजहें हैं। इनमें अमेरिकी फेडरल रिजर्व की डोविश नीति, कमजोर अमेरिकी डॉलर, ETF में लगातार पैसा इन्वेस्टमेंट और भारत में त्योहारों के दौरान सोना-चांदी की बढ़ती मांग शामिल हैं।
चांदी को खास तौर पर इंडस्ट्रियल और ग्रीन एनर्जी सेक्टर से बढ़ती मांग का फायदा मिल सकता है। हालांकि, अगर निवेशक मुनाफा निकालने लगें, डॉलर मजबूत हो जाए या जियो-पॉलिटिकल तनाव कम हो जाए, तो कीमतों में कुछ स्थिरता या हल्की गिरावट आ सकती है।
साल के अंत तक ₹1,25,000 तक पहुँच सकती है सोने की कीमतपृथ्वीफिनमार्ट कमोडिटी रिसर्च के मनोज कुमार जैन के अनुसार, सितंबर की रैली में सोना 10% और चांदी 15% बढ़ी, जिससे दोनों धातुएँ “सुपर बुल रन” में हैं। उन्होंने कहा कि ग्लोबल सेंट्र्ल बैंकों की खरीद, ETF में निवेश, जियो-पॉलिटिकल टेंशन और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने सोना और चांदी के लिए सुरक्षित निवेश की मांग को बढ़ाया है।
जैन का अनुमान है कि दिवाली तक सोना ₹1,22,000 और चांदी ₹1,50,000 तक पहुंच सकती है। साल के अंत तक सोना ₹1,25,000 और चांदी ₹1,58,000–₹1,60,000 तक जा सकती है।
इन्वेस्टर्स के लिए सलाहजैन निवेशकों को बुलिश रहने की सलाह देते हैं। वे कहते हैं कि सोना और चांदी में गिरावट आने पर खरीदारी करें और किसी भी स्थिति में शॉर्ट सेलिंग से बचें। दिवाली तक सोने के लिए टार्गेट प्राइस ₹1,22,000 और चांदी ₹1,50,000 है।
फेस्टिव सीजन में मांग और भविष्य की संभावनादिवाली के करीब आ जाने से ज्वैलर्स और रिटेल खरीदारों की मांग और बढ़ने की उम्मीद है। भारत में सोने की सबसे बड़ी खरीदी मौसम, त्योहार और शादी के सीजन में होती है। इससे वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच कीमतों को और बढ़ावा मिल सकता है।
रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट, जिगर त्रिवेदी के अनुसार, “दिवाली 2025 तक सोना ₹1,19,000–₹1,20,000 प्रति 10 ग्रां तक पहुंच सकता है। चांदी ₹1,48,000–₹1,50,000 प्रति किलो तक जा सकती है। वैश्विक अनिश्चितता, केंद्रीय बैंक की खरीद, उच्च महंगाई, फेड का रुख और कमजोर रुपये के चलते सुरक्षित निवेश की मांग मजबूत है।”
त्रिवेदी ने आगे कहा कि चांदी का औद्योगिक उपयोग, खासकर सोलर एनर्जी और इलेक्ट्रिक वाहनों में, कीमतों को बढ़ावा देगा। वैश्विक ब्याज दरों में संभावित गिरावट और सीमित आपूर्ति भी कीमतों को ऊपर धकेल सकती है।
MCX (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया) पर हाल ही में सोने की कीमत 1,18,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार चली गई है। इन्वेस्टर्स यह देख रहे हैं कि दिवाली और धनतेरस के करीब सोने की कीमत कहां तक जाती है।
खत्म नहीं हुई है रैलीमार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि सोने की रैली अभी खत्म नहीं हुई है और दिवाली तक इसकी कीमत 1,22,000 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच सकती है।
2025 में सोने और चांदी की तेजी को ग्लोबल और डोमेस्टिक के ट्रिगर्स का सपोर्ट मिला है। इसमें फेस्टिव सीजन में बढ़ी हुई मांग, सेंट्रल बैंक RBI की नीतियां, जियो-पॉलिटिकल टेंशन्स और ETF में लगातार निवेश ने कीमतों को रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचाया। चांदी भी इस रैली में शामिल है और ₹1,44,000 प्रति किलो के ऊपर ट्रेड कर रही है, और त्योहार तक ₹1,50,000 तक जाने की संभावना है।
जियो-पॉलिटिकल टेंशन बढ़ने पर और बढ़ सकती हैं कीमतेंऑगमॉन्ट की हेड ऑफ रिसर्च, रेनिशा चैनानी के अनुसार, दिवाली तक बाजार “बुलिश-से-कंसोलिडेशन फेज” में प्रवेश कर सकता है। उन्होंने कहा कि पिछले नौ महीनों में तेजी के कारण कुछ इन्वेस्टर्स शॉर्ट टर्म में मुनाफा निकाल सकते हैं, लेकिन लॉन्ग टर्म का रुझान अभी भी मजबूत है।
उन्होंने कहा, “MCX पर सोना ₹1,18,000 के ऊपर और चांदी ₹1,44,000 के ऊपर ट्रेड कर रही है। अमेरिकी सरकार के शटडाउन, टैरिफ अनिश्चितता और फेड द्वारा संभावित दर कटौती के चलते सुरक्षित निवेश की मांग मजबूत बनी हुई है।”
अगर जियो-पॉलिटिकल टेंशन बढ़ता है तो दिवाली तक सोने की कीमत $3950–$4000 (₹1,20,000–₹1,22,000) और चांदी $49–$50 (₹1,48,000–₹1,50,000) तक जा सकती है।
चांदी को इंडस्ट्रियल और ग्रीन एनर्जी सेक्टर में बढ़ती मांग का फायदारैनिशा कहती हैं कि बुलिश रुझान बने रहने के पीछे कई अहम वजहें हैं। इनमें अमेरिकी फेडरल रिजर्व की डोविश नीति, कमजोर अमेरिकी डॉलर, ETF में लगातार पैसा इन्वेस्टमेंट और भारत में त्योहारों के दौरान सोना-चांदी की बढ़ती मांग शामिल हैं।
चांदी को खास तौर पर इंडस्ट्रियल और ग्रीन एनर्जी सेक्टर से बढ़ती मांग का फायदा मिल सकता है। हालांकि, अगर निवेशक मुनाफा निकालने लगें, डॉलर मजबूत हो जाए या जियो-पॉलिटिकल तनाव कम हो जाए, तो कीमतों में कुछ स्थिरता या हल्की गिरावट आ सकती है।
साल के अंत तक ₹1,25,000 तक पहुँच सकती है सोने की कीमतपृथ्वीफिनमार्ट कमोडिटी रिसर्च के मनोज कुमार जैन के अनुसार, सितंबर की रैली में सोना 10% और चांदी 15% बढ़ी, जिससे दोनों धातुएँ “सुपर बुल रन” में हैं। उन्होंने कहा कि ग्लोबल सेंट्र्ल बैंकों की खरीद, ETF में निवेश, जियो-पॉलिटिकल टेंशन और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता ने सोना और चांदी के लिए सुरक्षित निवेश की मांग को बढ़ाया है।
जैन का अनुमान है कि दिवाली तक सोना ₹1,22,000 और चांदी ₹1,50,000 तक पहुंच सकती है। साल के अंत तक सोना ₹1,25,000 और चांदी ₹1,58,000–₹1,60,000 तक जा सकती है।
इन्वेस्टर्स के लिए सलाहजैन निवेशकों को बुलिश रहने की सलाह देते हैं। वे कहते हैं कि सोना और चांदी में गिरावट आने पर खरीदारी करें और किसी भी स्थिति में शॉर्ट सेलिंग से बचें। दिवाली तक सोने के लिए टार्गेट प्राइस ₹1,22,000 और चांदी ₹1,50,000 है।
फेस्टिव सीजन में मांग और भविष्य की संभावनादिवाली के करीब आ जाने से ज्वैलर्स और रिटेल खरीदारों की मांग और बढ़ने की उम्मीद है। भारत में सोने की सबसे बड़ी खरीदी मौसम, त्योहार और शादी के सीजन में होती है। इससे वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के बीच कीमतों को और बढ़ावा मिल सकता है।
रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट, जिगर त्रिवेदी के अनुसार, “दिवाली 2025 तक सोना ₹1,19,000–₹1,20,000 प्रति 10 ग्रां तक पहुंच सकता है। चांदी ₹1,48,000–₹1,50,000 प्रति किलो तक जा सकती है। वैश्विक अनिश्चितता, केंद्रीय बैंक की खरीद, उच्च महंगाई, फेड का रुख और कमजोर रुपये के चलते सुरक्षित निवेश की मांग मजबूत है।”
त्रिवेदी ने आगे कहा कि चांदी का औद्योगिक उपयोग, खासकर सोलर एनर्जी और इलेक्ट्रिक वाहनों में, कीमतों को बढ़ावा देगा। वैश्विक ब्याज दरों में संभावित गिरावट और सीमित आपूर्ति भी कीमतों को ऊपर धकेल सकती है।
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