Next Story
Newszop

AI के कारण भारत में तेजी से बढ़ रही डेटा सेंटर की मांग, ये दो दिग्गज कंपनियां उठाएंगी सबसे ज्यादा फायदा

Send Push
भारत का डेटा सेंटर मार्केट तेजी से बढ़ रहा है और इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारती एयरटेल सबसे आगे हैं। जेफरीज की रिपोर्ट में बताया गया है कि ये दोनों कंपनियां एडानीकोनेक्स के साथ मिलकर 2030 तक देश की डेटा सेंटर कैपेसिटी का करीब 35%-40% हिस्सा संभाल सकती हैं। यह दिखाता है कि ये तीनों कंपनियां इस तेजी से बढ़ते डेटा सेंटर के क्षेत्र में कितनी बड़ी भूमिका निभाने वाली हैं।



जेफरीज के अक्षत अग्रवाल और आयुष बंसल ने 15 सितंबर की एक रिपोर्ट में कहा - 'भारती एयरटेल, रिलायंस और ADE मिलकर 2030 तक भारत की डेटा सेंटर क्षमता का 35%-40% हिस्सा बन सकते हैं।' भारत में अगले पांच सालों में डेटा सेंटर की क्षमता पांच गुना बढ़कर 8 गीगावाट तक पहुंचने की उम्मीद है। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि इंटरनेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) ज्यादा अपनाई जा रही है और डेटा को देश के अंदर ही रखने के नियम कड़े हो रहे हैं। इस बड़े विस्तार के लिए करीब 30 बिलियन डॉलर का निवेश करना पड़ेगा और 2030 तक डेटा सेंटर से 8 बिलियन डॉलर की कमाई हो सकती है।



डिजिटल दुनिया की कमर होते हैं डेटा सेंटर

डेटा सेंटर डिजिटल दुनिया की कमर होते हैं। ये ऐसे स्थान होते हैं जहां कंप्यूटर और स्टोरेज से जुड़े जरूरी डिवाइस रखे जाते हैं, जो कंपनियों को उनके काम के लिए कंप्यूटर पावर और डेटा कलेक्शन की सुविधा देते हैं। इसके अलावा, डेटा सेंटर को फाइबर नेटवर्क से जोड़ना, बिजली की सही आपूर्ति करना और मशीनों को ठंडा रखना भी बहुत जरूरी होता है।



कोलोकेशन डेटा सेंटर और क्लाउड टेक्नोलॉजी का बढ़ता चलन

कई कंपनियां अपने खुद के डेटा सेंटर चलाती हैं, लेकिन क्लाउड टेक्नोलॉजी के बढ़ने से अब लीज पर डेटा सेंटर की मांग भी तेजी से बढ़ी है। ऐसे डेटा सेंटर को ‘कोलोकेशन’ कहते हैं, जहां ऑपरेटर कंपनियों को जगह, बिजली, नेटवर्क और कूलिंग जैसी सुविधाएं देते हैं। क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर (CSPs) इन डेटा सेंटरों में अपने सर्वर और स्टोरेज लगाते हैं और फिर इन्हें अपने ग्राहकों को किराए पर देते हैं। कभी-कभी ये क्लाउड कंपनियां खुद डेटा सेंटर को मालिकाना हक में रखती हैं या किराए पर लेती हैं।



बहुत तेजी से बढ़ रही भारत में डेटा की मांग

भारत में डेटा की मांग बहुत तेजी से बढ़ रही है। पिछले कुछ सालों में डेटा का इस्तेमाल 30 गुना बढ़ गया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि अब ज्यादा लोग स्मार्टफोन इस्तेमाल करते हैं, ऑनलाइन वीडियो और ऐप्स बढ़ गए हैं, डिजिटल पेमेंट ज्यादा होने लगे हैं और ऑनलाइन खरीदारी (ई-कॉमर्स) भी बढ़ी है। इसके अलावा सरकार ने कुछ नए नियम बनाए हैं, जैसे डेटा को देश के अंदर ही रखना जरूरी है, जो इस मार्केट को और बढ़ावा दे रहे हैं।



आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) भी बहुत बड़ी वजह है। AI वाले कंप्यूटर सर्वर नार्मल सर्वरों से 5-6 गुना ज्यादा बिजली और ठंडक (कूलिंग) की जरूरत रखते हैं। इसलिए बेहतर और बड़े डेटा सेंटर की मांग बढ़ रही है। अभी सबसे बड़े क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर (CSPs) डेटा सेंटर का लगभग 60% हिस्सा इस्तेमाल करते हैं और बैंकिंग सेक्टर भी 17% हिस्सा लेता है।



कोलोकेशन डेटा सेंटर की लगभग 97% जगह भरी

अभी कोलोकेशन डेटा सेंटर की क्षमता 1.7 गीगावाट हो गई है, जो पिछले समय से 5 गुना ज्यादा है। इन डेटा सेंटरों में जगह लगभग 97% भरी हुई है, जिसका मतलब है कि मांग बहुत ज्यादा है। बाजार का 90% हिस्सा पांच बड़ी कंपनियों के पास है, जिनमें से NTT GDC अकेले 20% हिस्सा रखती है। मुंबई और चेन्नई जैसे शहरों में डेटा सेंटर ज्यादा हैं क्योंकि ये समुद्र के नीचे से आने वाले इंटरनेट केबल के करीब हैं। मुंबई में बैंक और वित्तीय कंपनियां ज्यादा होने की वजह से यहां करीब 50% डेटा सेंटर हैं।



आगे बढ़ने के लिए अगले कुछ सालों में 6.4 गीगावाट और क्षमता बढ़ानी होगी, जिसके लिए करीब 30 बिलियन डॉलर का निवेश करना पड़ेगा। इससे रियल एस्टेट, बिजली के सिस्टम, कूलिंग सिस्टम और नेटवर्क जैसी कई इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा। इतना बड़ा निवेश करने के लिए पूंजी का होना बहुत जरूरी है।



टेलीकॉम कंपनियां इस क्षेत्र में उठा सकती हैं अच्छा फायदा

टेलीकॉम कंपनियां इस क्षेत्र में अच्छा फायदा उठा सकती हैं क्योंकि उनके पास पहले से पैसे और स्ट्रांग कस्टमर हैं। उदाहरण के लिए, भारती एयरटेल के पास बाजार का 15% हिस्सा है और उसके पास अच्छे क्लाइंट भी हैं, जिससे वह इस तेजी से बढ़ते मार्केट में अच्छी पकड़ बना सकती है। डिजिटल टेक्नोलॉजी के तेजी से बढ़ने, सरकार के नए नियमों और AI के इस्तेमाल के बढ़ने के कारण भारत का डेटा सेंटर इंडस्ट्री बहुत तेजी से बढ़ने वाला है। इसमें रिलायंस, भारती एयरटेल और एडानीकोनेक्स जैसे बड़े खिलाड़ी सबसे आगे हैं।

Loving Newspoint? Download the app now