संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव पर एक गुप्त बैठक की, जिसे परिषद के अध्यक्ष इवेंजेलोस सेकेरिस ने उपयोगी बताया। हालांकि पाकिस्तान के अनुरोध के बाद की गई इस मीटिंग में कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। इस गुप्त बैठक में भारत को शामिल होने से रोक दिया गया, क्योंकि यह केवल सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के लिए थी और पाकिस्तान, जो वर्तमान में निर्वाचित सदस्य है, उसी ने इसमें हिस्सा लिया था। यह बैठक सुरक्षा परिषद के मुख्य कक्ष में नहीं, बल्कि उसके बगल के ‘कंसल्टेशन रूम’ में हुई, जहां आमतौर पर बंद कमरे में गोपनीय बातचीत होती है।
बैठक से पहले, महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि स्थिति गंभीर है और दोनों देशों से खतरनाक स्थिति से पीछे हटने की अपील की। उन्होंने कहा, "इस महत्वपूर्ण समय में सैन्य टकराव से बचना जरूरी है, जो आसानी से नियंत्रण से बाहर जा सकता है।" पिछले महीने पहलगाम में 26 लोगों की हत्या की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए उन्होंने कहा, "मैं इस भयानक आतंकी हमले के बाद लोगों की गहरी भावनाओं को समझता हूं।"
यूएनएससी में बंद कमरे में सोमवार दोपहर को डेढ़ घंटे हुई बैठक के बाद पाकिस्तान की फजीहत हुई। संयुक्त राष्ट्र ने इस बैठक के बाद ना तो किसी तरह का आधिकारिक बयान जारी किया और ना किसी तरह का रिजॉल्यूशन पारित किया गया। यह बैठक उस समय बुलाई गई जब संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसी देशों के बीच बढ़ते तनाव पर गहरी चिंता जताई थी। मीटिंग के दौरान संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थाई प्रतिनिधि दूत असीम इफ्तिखार ने कहा कि यूएनएससी की मीटिंग से जो हासिल करने का मकसद था वो पूरा हुआ है। उन्होंने बताया कि इस मीटिंग में पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर के मसले को भी सुलझाने पर चर्चा की है।
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने भारत के इस आरोप को सिरे से खारिज किया कि पाकिस्तान का हमले में कोई हाथ था। उन्होंने कहा कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है, जहां व्यापक असंतोष है, जो भारत के साथ समस्या की जड़ है, न कि आतंकवाद। साथ ही, उन्होंने भारत के साथ सहयोग की पेशकश भी की। उन्होंने कहा, "हम अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं।"
उन्होंने कहा, "हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सहयोगात्मक संबंधों के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं और हम बातचीत के लिए तैयार हैं।" अहमद ने कहा, "स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, बातचीत और तनाव कम करने तथा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की अपील, जैसा कि हमने आज परिषद के सदस्यों से भी सुना, सबसे प्रासंगिक है।"
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