अगली ख़बर
Newszop

चीन को टक्कर देने के लिए अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया से किया यह अहम समझौता

Send Push
AFP via Getty Images अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऑस्ट्रेलिया को पनडुब्बी देने की भी पुष्टि की है

अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने रेयर अर्थ और अन्य महत्वपूर्ण खनिजों की सप्लाई बढ़ाने के मक़सद से एक समझौता किया है. यह कदम ट्रंप प्रशासन की उस रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत वो इस क्षेत्र में चीन के वर्चस्व को चुनौती देने की कोशिश कर रहा है.

ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज़ ने कहा कि इस समझौते से "फौरन शुरू किए जा सकने वाले" 8.5 अरब अमेरिकी डॉलर के खनन और इससे जुड़े प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी.

इन प्रोजेक्ट्स से रेयर अर्थ मिनरल्स के क्षेत्र में ऑस्ट्रेलिया की माइनिंग और प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ेगी.

समझौते के तहत दोनों देश अगले छह महीनों में अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में एक अरब डॉलर के प्रोजेक्ट्स में निवेश करेंगे. यह जानकारी दोनों देशों के बीच हुए समझौते के फ्रेमवर्क में दी गई है.

बीबीसी हिंदी के व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ने के लिएयहाँ क्लिककरें

image Getty Images ट्रंप 'अमेरिका फ़र्स्ट' नीति पर काम कर रहे हैं और कई नीतियों की समीक्षा भी कर रहे हैं

अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया इन मुद्दों पर ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौर से ही साथ काम कर रहे हैं, लेकिन अल्बनीज़ ने कहा कि नया समझौता साझेदारी को अगले स्तर तक ले जाएगा.

सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के बीच कई अरब डॉलर के पनडुब्बी समझौते (एयूकेयूएस) पर भी टिप्पणी की और कहा कि यह "पूरी रफ़्तार से आगे बढ़ रहा है."

इस साल की शुरुआत में ट्रंप प्रशासन ने इस डील की समीक्षा करने की बात कही थी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह उनकी "अमेरिका फर्स्ट" नीति के मुताबिक़ है.

इससे यह चिंता पैदा हुई थी कि ऑस्ट्रेलिया पनडुब्बी के अपने पुराने बेड़े को बदलने के लिए अमेरिकी पनडुब्बियां (सबमरीन्स) नहीं ख़रीद पाएगा.

लेकिन सोमवार को जब ट्रंप से पूछा गया कि क्या ऑस्ट्रेलिया को पनडुब्बियां मिलेंगी, तो उन्होंने कहा, "हाँ, उन्हें मिलेंगी."

  • ग्रीनलैंड में ऐसा क्या खजाना छिपा है, जिस पर डोनाल्ड ट्रंप की है नज़र
  • सोने के भंडार, क़ीमती पत्थर और धातुएं: पाकिस्तान में 'खरबों डॉलर' के खनिज कहां हैं?
  • पाकिस्तान में क्या रेयर अर्थ मिनरल्स का ख़ज़ाना मिल गया है? मुनीर बोले- 5 साल में बदल जाएगी तस्वीर
रेयर अर्थ मिनरल्स पर चीन का दबदबा image Getty Images अमेरिकी टैरिफ़ के बदले रेयर अर्थ मिनरल्स को लेकर चीन की चेतावनी ने अमेरिका की चिंता बढ़ा दी

फिलहाल दुनियाभर में रेयर अर्थ मिनरल्स की माइनिंग में चीन का क़रीब 70 फ़ीसदी और प्रोसेसिंग में 90 फ़ीसदी हिस्सा है. ये खनिज रक्षा उपकरणों से लेकर कंप्यूटर चिप्स, फ़ोन और कारों तक में इस्तेमाल होते हैं.

अमेरिकी कंपनियां इन खनिजों के लिए बड़े पैमाने पर चीन पर निर्भर हैं.

इस साल चीन ने नए अमेरिकी टैरिफ़ और अमेरिका से तनावों के जवाब में इसकी सप्लाई पर प्रतिबंध लगाने के कदम उठाने की घोषणा की. इसके बाद से अमेरिकी कंपनियों के सामने इसे लेकर ख़तरा पैदा हो गया है.

अल्बनीज़ ने कहा कि यह समझौता निवेश को रफ़्तार देने पर केंद्रित है. ख़ासतौर पर तीन तरह के प्रोजेक्ट्स में, जिनमें ऑस्ट्रेलिया में प्रोसेसिंग के क्षेत्र में अमेरिकी निवेश भी शामिल है.

दोनों देशों ने रेयर अर्थ मिनरल्स की कीमत तय करने, प्रोजेक्ट्स की मंज़ूरी की प्रक्रिया और खनिज क्षेत्र की कंपनियों और प्रोजेक्ट्स की बिक्री की सरकारी समीक्षा के नियमों पर मिलकर काम करने पर भी सहमति जताई है.

अमेरिका ने पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में हर साल 100 टन उत्पादन क्षमता वाली गैलियम रिफ़ाइनरी बनाने में निवेश करने और अपने एक्सपोर्ट-इंपोर्ट बैंक के ज़रिए 2.2 अरब अमेरिकी डॉलर की फंडिंग से अहम मिनरल्स प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने की अलग से घोषणा की है.

  • ट्रंप चीन पर क्यों हुए नरम, क्या भारत की बढ़ेगी टेंशन?
  • भारत-चीन-रूस की बढ़ती दोस्ती: ट्रंप की टैरिफ़ नीति कैसे बन सकती है अमेरिका के लिए ख़तरा
  • अमेरिका: ट्रंप के विरोध में कई शहरों में प्रदर्शन, लोकतंत्र और संविधान की उठ रही बात
ऑस्ट्रेलिया में अहम खनिजों का बड़ा भंडार image Getty Images व्हाइट हाउस ने अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया समझौते के बारे में ज़्यादा जानकारी साझा नहीं की है

पिछले कुछ महीनों में ट्रंप प्रशासन अमेरिका की कंपनी एमपी मटीरियल्स, कनाडा की कंपनी ट्रिलॉजी मेटल्स और लिथियम अमेरिकाज़ जैसी कंपनियों में निवेश की घोषणा कर चुका है.

इनके प्रोजेक्ट्स अमेरिका में हैं. इसके बदले अमेरिकी सरकार ने इन कंपनियों में हिस्सेदारी हासिल की है.

ट्रंप और अल्बनीज़ की बैठक से पहले 'लिनास रेयर अर्थ्स' जैसी अमेरिकी कंपनियों के शेयरों में उछाल आया. लिनास को कुछ साल पहले अमेरिकी रक्षा विभाग से एक कॉन्ट्रैक्ट मिला था और वह टेक्सस में एक प्रोजेक्ट पर काम कर रही है.

व्हाइट हाउस ने जो फ्रेमवर्क जारी किया है उसमें इस समझौते के संबंध में सीमित जानकारी दी गई है, जो उसके लिए इस मुद्दे की संवेदनशीलता को दिखाता है.

ऑस्ट्रेलिया महत्वपूर्ण खनिजों का प्रमुख स्रोत है, लेकिन अमेरिका की तरह वह भी चीन पर निर्भर है.

चीन इन खनिजों की प्रोसेसिंग का सबसे बड़ा केंद्र है. इसके बाद ही ऐसे खनिजों का इस्तेमाल किया जा सकता है.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

  • चीन का वो बेशक़ीमती खनिज
  • अमेरिका की दुखती रग पर क्या चीन ने हाथ रख दिया है?
  • क्या ट्रंप की शह पर यूरोप का ये देश चिप सप्लाई पर चीन से भिड़ गया?
  • डोनाल्ड ट्रंप बोले, 'हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया'
image
न्यूजपॉईंट पसंद? अब ऐप डाउनलोड करें