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भारत ने बहावलपुर को निशाना क्यों बनाया?

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Getty Images बहावलपुर में भारत के हमले के बाद इस इस्लामी मदरसे को नुक़सान पहुंचा है

भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर में कई ठिकानों पर हमला किया. भारत ने कहा है कि उसने अपने हमले में 'आतंकवादी ठिकानों' को निशाना बनाया.

जिन ठिकानों को निशाना बनाया गया, उनमें पाकिस्तान के बहावलपुर में मरकज़ सुब्हान अल्लाह भी शामिल है.

इसे जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर का अड्डा माना जाता है.

भारत सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद पर पाबंदी लगा रखी है. भारत सरकार लगातार यह दावा करती रही है कि इस संगठन का मुख्यालय पाकिस्तानी पंजाब के बहावलपुर में है.

भारत के 'मोस्ट वांटेड आतंकवादियों' की सूची में मसूद अज़हर का भी नाम है.

भारत के हमले के बाद एक बयान में मसूद अज़हर ने अपने परिवार के 10 लोगों के मारे जाने की पुष्टि की है.

इस हमले के बारे में जानकारी देते हुए भारतीय सेना की कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी ने बताया, "बहावलपुर का मरकज़ सुब्हान अल्लाह, अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किलोमीटर दूर है. यह जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था. यह भर्ती, प्रशिक्षण देने और वैचारिक रूप से तैयार करने का केंद्र भी था. इस जगह पर शीर्ष आतंकवादी आते थे."

image Getty Images बहावलपुर में हुए हमले में हताहत लोगों को शहर के विक्टोरिया अस्पताल में ले जाया गया. ये तस्वीर बुधवार सुबह की है.

इस हमले में भारत ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के बहावलपुर में मसूद अज़हर के ठिकाने को भी निशाना बनाया.

भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा से क़रीब 30 किलोमीटर दूर, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके में भी 'आतंकवादी ठिकानों' पर हमले का दावा किया है.

भारत ने बहावलपुर और मुरीदके के अलावा सियालकोट के नज़दीक भी दो कैंपों पर हमले का दावा किया है.

कर्नल सोफ़िया क़ुरैशी ने सियालकोट के नज़दीक निशाना बनाए गए कैंपों के बारे में बताया, "सरजल कैंप, सियालकोट, यह अंतरराष्ट्रीय सीमा से छह किलोमीटर दूर और सांभा-कठुआ के सामने है. महमूना जोया कैंप, सियालकोट, यह अंतरराष्ट्रीय सीमा से 12 से 18 किलोमीटर दूर था. यह हिज़बुल मुजाहिदीन का बड़ा कैंप था. पठानकोट एयरबेस पर हमला यहीं से निर्देशित हुआ था."

रक्षा विश्लेषक राहुल बेदी कहते हैं, "पाकिस्तान का सेना प्रमुख पंजाबी है, प्रधानमंत्री पंजाबी है, सारे ब्यूरोक्रेट पंजाबी हैं. ऐसे में पंजाब पर हमला पाकिस्तान के लिए सामान्य बात नहीं है."

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'हमला अचंभित करने वाला नहीं' image Getty Images इस फ़ाइल तस्वीर में चोलिस्तान रेगिस्तान के डेरावर क़िले पर तैनात एक पाकिस्तानी सैनिक दिख रहा है

भारत के हमलों के बाद सामने आए वीडियो में मस्जिद सुब्हान अल्लाह में भारी नुक़सान हुआ दिख रहा है.

भारतीय रक्षा विश्लेषक अजय शुक्ला मानते हैं कि भारत की टारगेट लिस्ट में बहावलपुर एक अहम स्थान रखता है.

अजय शुक्ला कहते हैं, "बहावलपुर दक्षिण पंजाब का एक अहम क़स्बा है. यह न सिर्फ़ पंजाबी गौरव को बढ़ाने वाला क़स्बा है, बल्कि जैश-ए-मोहम्मद जैसे संगठन का गढ़ भी है. जैश-ए-मोहम्मद यहाँ अपनी ताक़त को बरक़रार रखता है."

उन्होंने आगे बताया, "सियालकोट और बहावलपुर मेनलैंड पाकिस्तान में आते हैं. ये पंजाब के अहम क़स्बे हैं. पाकिस्तान का पंजाब प्रांत ही मेनलैंड पाकिस्तान का मुख्य हिस्सा है. यह कहना ग़लत नहीं होगा कि बहावलपुर पर हमला, मेनलैंड पाकिस्तान के भीतर भारत का हमला है."

हालाँकि अजय शुक्ला कहते हैं कि बहावलपुर पर हमला अचंभित करने वाला नहीं है.

उन्होंने कहा, "बहावलपुर पर हमला अचंभित तो नहीं करता है, लेकिन सामान्य भी नहीं है. भारतीय सेना की टारगेट लिस्ट में आतंकवादियों के कई ठिकाने होंगे. ज़ाहिर है इनमें बहावलपुर भी रहा होगा. भारत ने सोचकर हमला किया होगा कि कहाँ हमला करने से पाकिस्तान में आतंकवाद से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को सबसे अधिक नुक़सान पहुँचाया जा सकता है."

हालाँकि पाकिस्तान के रक्षा विशेषज्ञ मानते हैं कि बहावलपुर का पाकिस्तानी सेना के लिए कोई ख़ास महत्व नहीं है.

पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड ब्रिगेडियर महमूद शाह ने बीबीसी से बातचीत में कहा, "बहावलपुर में पाकिस्तान की रक्षात्मक प्रणाली भी कोई ख़ास मज़बूत नहीं है. पाकिस्तान जितनी अहमियत लाहौर या कराची को देता है और जैसी रक्षात्मक प्रणाली पाकिस्तानी सेना वहाँ तैनात रखती है, वैसी बहावलपुर में नहीं रखती. बहावलपुर पर हमले से हमारे दिमाग़ में मसूद अज़हर आ जाता है."

ब्रिगेडियर महमूद शाह कहते हैं, "पाकिस्तान अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज़ से जो भी जवाब देगा, मुझे नहीं लगता कि उसमें बहावलपुर पर हुए हमले का बहुत अधिक महत्व होगा. बहावलपुर के आसपास रेगिस्तानी इलाक़ा है. पाकिस्तान की सेना यहाँ युद्धाभ्यास करती है. इसके अलावा कोई ख़ास अहमियत नहीं है."

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भारत ने अपनी सीमा के भीतर से बनाया निशाना image Getty Images मसूद अज़हर ने भारत के हमले में अपने परिवार से जुड़े 10 लोगों की मौत का दावा किया है

भारत ने अपने हवाई क्षेत्र के भीतर से हमले करने का दावा किया है. वहीं, पाकिस्तान ने भारत के पाँच विमान मार गिराने का दावा किया है.

पाकिस्तान के भारतीय विमानों को मार गिराने के दावे पर भारत ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. पाकिस्तान के इन दावों की अभी स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हुई है.

क्या भारत अपनी सीमा के भीतर से बहावलपुर जैसे ठिकानों पर सटीक हमला कर सकता है?

इस सवाल पर अजय शुक्ला कहते हैं, "आजकल भारत के पास उन्नत मिसाइल और बम हैं. भारत के पास जो हथियार हैं, उनसे वह अपनी सीमा के भीतर रहकर बहावलपुर जैसे ठिकानों पर सटीक हमला कर सकता है. ऐसे में भारत का अपनी सीमा के भीतर से बहावलपुर को निशाना बनाना हैरानी की बात नहीं है."

पाकिस्तानी रक्षा विश्लेषक जहाँ बहावलपुर की अहमियत को ख़ारिज कर रहे हैं, वहीं भारतीय विश्लेषक इसे बड़ी कार्रवाई मान रहे हैं.

अजय शुक्ला कहते हैं, "बहावलपुर में हमला एक बड़ी कार्रवाई है. अब देखना ये होगा कि यहाँ से तनाव कितना बढ़ता है. अब गेंद पाकिस्तान की सेना के पाले में है. पाकिस्तान की सेना को जो ठीक लगेगा, वह करेगी और फिर भारत जवाबी कार्रवाई करेगा. ऐसी जवाबी कार्रवाइयां हालात को और मुश्किल बना देंगी. सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान इन हालात में तनाव को और बढ़ाने का ख़तरा लेगा?"

image Getty Images बहावलपुर के पास के रेगिस्तान में पाकिस्तान की सेना युद्ध अभ्यास करती है. इस फ़ाइल तस्वीर में पाकिस्तानी सेना का एक टैंक दिख रहा है क्या बहावलपुर में हमले से और बढ़ेगा तनाव? image Getty Images

ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि क्या पाकिस्तान इन हमलों पर जवाबी कार्रवाई करेगा?

राहुल बेदी कहते हैं, "मुझे लगता है कि पाकिस्तान जवाब ज़रूर देगा, लेकिन वह टारगेट क्या करेगा? भारत में कोई आतंकवादी कैंप है नहीं. ऐसे में दो विकल्प बचते हैं, एक सिविलियन और दूसरा वायुसेना का बेस. सिविलियन से परहेज करेगा. संभव है कि भारत के पंजाब में अंबाला एयरफोर्स बेस को निशाना बनाए, लेकिन इससे बात बहुत आगे बढ़ जाएगी. भारत ने इस हमले के ज़रिए यह संदेश दिया है कि आतंकवाद के ख़िलाफ़ हमला केवल पीओके तक ही सीमित नहीं रहेगा."

पाकिस्तान के रिटायर्ड ब्रिगेडियर महमूद शाह कहते हैं कि मंगलवार की रात ही पाकिस्तान ने भारत के विमानों को मार गिराने का दावा किया है. यानी, पाकिस्तान जवाब दे चुका है.

ब्रिगेडियर महमूद शाह मानते हैं कि आगे तनाव कितना बढ़ेगा, ये इस बात पर निर्भर करेगा कि भारत यहाँ से बात को कितना और आगे बढ़ाता है.

ब्रिगेडियर महमूद शाह कहते हैं, "भारत और पाकिस्तान दोनों परमाणु सशस्त्र देश हैं, इन दोनों देशों के बीच जंग दुनिया के लिए एक ख़तरनाक बात है. यही वजह है कि भारत और पाकिस्तान दोनों जंग तक नहीं पहुँचना चाहते हैं. अभी के हालात में तो दूर-दूर से मिसाइलें मारने की बात हो रही है. ये स्थिति तब ख़तरनाक हो सकती है जब सतह से सतह पर मार करने वाले मिसाइल इस्तेमाल किए जाएं, क्योंकि दोनों देशों के पास ऐसे मिसाइल हैं और ये परमाणु हथियार ले जा सकते हैं."

अजय शुक्ला भी मानते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बढ़ने की आशंका को ख़ारिज नहीं किया जा सकता है.

अजय शुक्ला कहते हैं, "इस आशंका को ख़ारिज नहीं किया जा सकता है कि तनाव और आगे बढ़ेगा. हालाँकि अब यह फ़ैसला पाकिस्तान की सेना को करना है कि बात को कहाँ तक आगे बढ़ाना है. पाकिस्तान की सेना की प्रतिक्रिया बहुत हद तक हालात को निर्धारित करेगी. पाकिस्तान की फ़ौज में यह समझ भी है कि भारत का एयर डिफेंस, रडार और बाक़ी रक्षात्मक प्रणाली पूरी तरह से तैयार है. भारत तैयारी की स्थिति में है और ऐसी स्थिति में अगर पाकिस्तान हमला करता है तो उसे नुक़सान हो सकता है. अब सवाल यही है कि इस स्थिति में पाकिस्तान क्या क़दम उठाता है."

क्यों अहम है बहावलपुर? image Getty Images अभ्यास करते भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमान की सांकेतिक तस्वीर.

बहावलपुर, पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सतलज नदी के दक्षिण-पूर्व में बसा एक बड़ा क़स्बा है और पाकिस्तान का 13वां सबसे बड़ा शहर है.

बहावलपुर ज़िला पाकिस्तान के सबसे बड़े ज़िलों में से एक है. यहाँ सतलज नदी के क़रीब उपजाऊ मैदान हैं और चोलिस्तान का रेगिस्तान भी फैला हुआ है.

यह रेगिस्तान भारत के थार रेगिस्तान तक पहुँचता है. इस ज़िले का लगभग दो-तिहाई हिस्सा रेगिस्तानी है.

भारत और पाकिस्तान के बँटवारे से पहले ये बहावलपुर रियासत का केंद्र था.

1947 में जब भारत का बँटवारा हुआ, तब बहावलपुर पहली रियासत थी, जो पाकिस्तान में शामिल हुई थी. आज़ादी के तुरंत बाद जब पाकिस्तान आर्थिक संकट से जूझ रहा था, तब बहावलपुर के नवाब ने पाकिस्तान को उल्लेखनीय आर्थिक मदद दी थी.

बहावलपुर की पहचान मसूद अज़हर के गढ़ के रूप में भी रही है. भारत सरकार के मुताबिक़ मरकज़ सुब्हान अल्लाह, मसूद अज़हर के संगठन 'जैश-ए-मोहम्मद' का मुख्यालय रहा है.

बहावलपुर में ही पाकिस्तान की सेना की 31वीं कॉर्प का मुख्यालय भी है.

पाकिस्तानी सेना की यह टुकड़ी दक्षिणी पंजाब की सुरक्षा के लिए ज़िम्मेदार है. मार्च 2025 में ही पाकिस्तान की सेना के प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने बहावलपुर कैंट का दौरा किया था.

यह शहर चोलिस्तान रेगिस्तान में भारत की सीमा से 100 किलोमीटर दूर स्थित है. ये शहर पाकिस्तान के सिंध प्रांत के लिए एक प्राकृतिक सीमा और प्रवेश द्वार की तरह काम करता है.

यहाँ का रेगिस्तान यूँ तो एक प्राकृतिक बाधा है, लेकिन युद्ध की स्थिति में इसके जंग का मैदान बनने की संभावना भी है.

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