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राजस्थान में मंदिरों में भीड़ खत्म करने की अनोखी पहल! पहली बार शुरू हुई मंदिर मैनेजमेंट की पढ़ाई, जानिए किन्हें मिलेगा इसका लाभ ?

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नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद राजस्थान के स्कूलों और विश्वविद्यालयों में कई नए नवाचार किए जा रहे हैं। पाठ्यक्रम में बदलाव और नए डिप्लोमा पाठ्यक्रम शुरू किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में जयपुर स्थित जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में टेंपल मैनेजमेंट नाम से नया डिप्लोमा कोर्स शुरू होने जा रहा है। इस कोर्स में विद्यार्थियों को कानून, नैतिक जिम्मेदारियां, नए मंदिरों की स्थापना और धार्मिक स्थलों पर भीड़ नियंत्रण जैसे विषय पढ़ाए जाएंगे। बता दें कि राजस्थान समेत पूरे देश में धार्मिक पर्यटन का चलन तेजी से बढ़ रहा है। राजस्थान के कई प्रसिद्ध धार्मिक स्थल और मंदिर जैसे खाटूश्यामजी, सांवरिया सेठ, जीणमाता, सालासर धाम, देशनोक स्थित करणी माता मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या दिनों-दिन बढ़ती जा रही है। इस बढ़ती संख्या के कारण ये धार्मिक स्थल पर्यटन के हॉट स्पॉट बनते जा रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर ने टेंपल मैनेजमेंट नाम से नया डिप्लोमा कोर्स शुरू किया है।

इस सत्र से शुरू होगा मंदिर प्रबंधन डिप्लोमा कोर्स
जयपुर के संस्कृत विश्वविद्यालय में यूजी और पीजी के विभिन्न संस्कृत शिक्षा पाठ्यक्रम चल रहे हैं। इस वर्ष जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय और इससे संबंधित कॉलेजों में मंदिर प्रबंधन में एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जाएगा। इस कोर्स में भारत ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी 50 विद्यार्थी प्रवेश ले सकेंगे। विज्ञान, वाणिज्य, कला और संस्कृत विषयों से सीनियर सेकेंडरी योग्यता रखने वाले विद्यार्थी इसमें प्रवेश ले सकेंगे। इस कोर्स के लिए प्रवेश प्रक्रिया जुलाई से शुरू होगी। डिप्लोमा कोर्स का सिलेबस वर्तमान परिस्थितियों के आधार पर तैयार किया गया है। सैद्धांतिक कक्षाओं के बाद मंदिरों में हैंड्स-ऑन इंटर्नशिप भी प्रस्तावित है। यह कोर्स पिछले वर्ष लागू किया गया था, लेकिन प्रवेश शुरू नहीं हुए थे। जिस तरह जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय में यह डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जा रहा है, उसी तरह अयोध्या और काशी समेत अन्य धार्मिक पर्यटन नगरों के विश्वविद्यालयों में भी मंदिर प्रबंधन कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। इसी तर्ज पर राजस्थान में भी इसे शुरू किया जा रहा है।

मंदिर प्रबंधन डिप्लोमा कोर्स में इन विषयों की होगी पढ़ाई
जगद्गुरु रामानंदाचार्य संस्कृत विश्वविद्यालय ने नया डिप्लोमा कोर्स शुरू किया है, जिसमें विद्यार्थियों को मंदिरों से जुड़ी हर बात को पढ़ने और सीखने का मौका मिलेगा। इस कोर्स में मंदिर में प्रसाद तैयार करते समय ध्यान रखने वाली बातें, केंद्र सरकार की भोग योजना, राजस्थान के रामानंद और वल्लभ संप्रदाय के मंदिरों में पूजा पद्धति, मंदिरों में कार्यक्रम प्रबंधन, तकनीक और रणनीति से मंदिरों के इकोसिस्टम को संभालना, भीड़ प्रबंधन और जिग-जैग सिस्टम जैसी दुर्घटनाओं को रोकने के उपाय, प्रशिक्षित स्वयंसेवकों की नियुक्ति, नियंत्रण कक्ष स्थापित करना, हेल्पलाइन नंबर विकसित करना, पुलिस और जिला प्रशासन की भूमिका का अध्ययन कराया जाएगा।

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