मई की गर्मी ने लोगों को झुलसा दिया है। राजस्थान के श्रीगंगानगर और पिलानी में पारा 47 के पार पहुंच गया है। वहीं, 25 मई से नौतपा शुरू हो रहा है। नौतपा में सूर्य की किरणें सीधी धरती पर पड़ती हैं, जिससे गर्मी और बढ़ जाती है। नौ दिन तक तेज धूप रहेगी। रोहिणी के शुरुआती नौ दिन काफी गर्म होते हैं। इसीलिए मौसम विज्ञान में इन्हें नवतपा कहते हैं। मान्यता है कि इन नौ दिनों में सूर्य जितना तेज चमकेगा, उतनी ही तेज गर्मी पड़ेगी, बारिश का मौसम उतना ही अच्छा रहेगा। सूर्य देव के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने से नौतपा शुरू होता है। पंडित के. शास्त्री के अनुसार 25 मई को सुबह 3.27 बजे सूर्य रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा और 15 दिन तक इसी में रहेगा। उसके बाद 8 जून को सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में चला जाएगा, जिससे नौतपा खत्म हो जाएगा। नवतपा को पर्यावरण के लिए अच्छा माना जाता है, इसको लेकर एक राजस्थानी कहावत मशहूर है।
अर्थात् यदि पहले दो दिन गर्म हवा (लू) न चले तो चूहे अधिक होंगे। यदि दूसरे दो दिन हवा न चले तो कीटों (फसल नष्ट करने वाले) की अधिकता होगी। यदि तीसरे दो दिन हवा न चले तो टिड्डियों के आने की संभावना है। यदि चौथे दिन हवा न चले तो बुखार आदि बीमारियों का प्रकोप होता है।यदि पांचवें दो दिन हवा न चले तो वर्षा कम होगी, यदि छठे दो दिन गर्मी न चले तो विषैले जीवों (सांप, बिच्छू आदि) की अधिकता होगी और यदि सातवें दो दिन हवा न चले तो तूफान की संभावना होगी। सरल शब्दों में समझें तो अधिक गर्मी के कारण चूहे, कीट व अन्य विषैले जीवों के अंडे नष्ट हो जाते हैं। क्योंकि यह उनका प्रजनन काल होता है।
पहली बारिश पानी को नष्ट करती है, दूसरी बुवाई को खा जाती है
तीसरी बारिश भूसा खा जाती है, चौथी समुद्र में चली जाती है। रोहिणी नक्षत्र के प्रथम भाग में वर्षा हो तो अकाल की संभावना रहती है और दूसरे भाग में वर्षा हो तो कई दिनों तक सूखा पड़ता है अर्थात पहली वर्षा के बाद दूसरी वर्षा रुक जाती है और कई दिनों के बाद होती है। तीसरे भाग में वर्षा हो तो घास की कमी होती है और चौथे भाग में वर्षा हो तो अच्छी वर्षा की आशा करनी पड़ती है।
रोहिणी नक्षत्र में अधिक गर्मी हो और मृग नक्षत्र में बहुत अधिक आंधी आए तो आद्रा नक्षत्र लगते ही बादलों की गड़गड़ाहट के साथ वर्षा होने की संभावना रहती है। नौतपा के दौरान गर्मी और लू से अपना बचाव करें, घर में छायादार स्थान पर रहें, अधिक पानी वाले मौसमी फल खाएं जैसे तरबूज, खीरा, संतरा, लू के दौरान आम का पना पिएं।
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