राजस्थान की राजधानी जयपुर के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात लगी भीषण आग में आठ मरीजों की मौत हो गई। ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर स्थित आईसीयू वार्ड में शॉर्ट सर्किट के कारण लगी आग से पूरे अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई।
मरीजों को उनके बिस्तरों से हटाया गया
घटना की सूचना मिलने पर दमकल और पुलिस की टीमें मौके पर पहुँचीं और आग पर काबू पाने का प्रयास किया। स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है। इस बीच, मरीजों और उनके परिजनों को बाहर निकाल दिया गया, जिससे लोग अस्पताल परिसर में अपने प्रियजनों का हालचाल पूछते हुए इधर-उधर भटकते रहे।
वार्ड बॉय और गार्ड मरीजों और परिजनों को छोड़कर भाग गए
इस गंभीर घटना के बाद, अस्पताल के कर्मचारियों और गार्डों पर घोर लापरवाही का आरोप लगाया गया है। भरतपुर निवासी शेरू ने बताया कि उनकी माँ आईसीयू वार्ड में भर्ती थीं। जैसे ही धुआँ दिखाई देने लगा, उन्होंने कर्मचारियों को सूचित किया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। शेरू के अनुसार, रात 11:20 बजे तक धुआँ इतना तेज़ हो गया था कि प्लास्टिक के पाइप पिघलने लगे और मौके पर मौजूद वार्ड बॉय और गार्ड सबसे पहले मरीज़ों को छोड़कर भाग गए।
गृह राज्य मंत्री के सामने फूटा परिजनों का गुस्सा
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह के घटनास्थल पर पहुँचने पर मरीज़ों के परिजन भड़क उठे। एक परिजन ने गुस्से में कहा, "हमने 20 मिनट पहले आग लगने की सूचना दी थी। विभाग के सभी डॉक्टर भाग गए।" परिजनों ने प्रबंधन से अपने प्रियजनों की स्थिति के बारे में जानकारी मांगी, क्योंकि घटना के लगभग दो घंटे बाद मरीज़ों को भूतल पर स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन उनकी कुशलक्षेम के बारे में कोई जानकारी नहीं दी जा रही थी।
पुलिस कर्मियों ने मरीज़ों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाली
जहाँ अस्पताल के कर्मचारियों पर भागने का आरोप लगाया गया, वहीं एसएमएस थाने के तीन पुलिसकर्मियों ने बहादुरी का परिचय देते हुए कई लोगों की जान बचाई। कांस्टेबल वेदवीर सिंह, हरि मोहन और ललित तुरंत घटनास्थल पर पहुँचे और घने धुएँ और आग से जूझते हुए बचाव एवं राहत कार्य में जुट गए। इन बहादुर जवानों ने 10 से ज़्यादा मरीज़ों और उनके परिवारों को सुरक्षित बाहर निकाला।
तीनों का एसएमएस इमरजेंसी में इलाज चल रहा है
मरीज़ों को बचाते समय, तीनों जवान धुएँ के कारण बेहोश हो गए और उन्हें साँस लेने में गंभीर तकलीफ़ होने लगी। फिलहाल उनका एसएमएस इमरजेंसी में इलाज चल रहा है।
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