जिले की पोक्सो अदालत ने 8 वर्षीय बालिका से अमानवीय मारपीट करने और उसे लावारिस छोड़ देने के मामले में कड़ी कार्रवाई की है। विशिष्ट न्यायाधीश (पोक्सो न्यायालय) इसरार खोखर ने आरोपी लीलम देवी और उनके लीव-इन साथी सोनू शर्मा को दोषी ठहराते हुए 7-7 वर्ष की कठोर सजा सुनाई है।
मामला बीते साल सामने आया था, जब बालिका को गंभीर चोटों के साथ सड़क किनारे लावारिस पाया गया। बच्चे की हालत देखते ही लोगों ने उसे अस्पताल पहुँचाया, जहाँ उसकी प्राथमिक चिकित्सा की गई। शुरुआती जांच में सामने आया कि आरोपी लीलम देवी और सोनू शर्मा ने 8 वर्षीय बच्ची के साथ अमानवीय व्यवहार किया और उसे घायल स्थिति में छोड़ दिया।
पोक्सो अदालत ने सुनवाई के दौरान दोनों आरोपियों के कृत्य को बेहद गंभीर माना और कहा कि किसी भी स्थिति में बालिका के साथ हिंसा और उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जा सकती। अदालत ने आदेश दिया कि दोषियों को अदालत की निगरानी में सजा पूरी करनी होगी और साथ ही उन्हें बालिका के पुनर्वास के लिए निर्धारित राशि जुर्माना के रूप में अदा करनी होगी।
विशिष्ट न्यायाधीश इसरार खोखर ने कहा कि “बालिका के साथ हिंसा का यह मामला समाज के लिए चेतावनी है। हमें बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी और ऐसे अपराधियों को कठोर दंड देकर अन्य लोगों के लिए उदाहरण स्थापित करना होगा।”
पुलिस ने बताया कि दोषियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और पोक्सो अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था और अदालत ने सभी प्रमाणों के आधार पर उन्हें दोषी ठहराया। इस सजा के बाद स्थानीय प्रशासन और बाल संरक्षण समिति ने बालिका के सुरक्षित रहने और मनोवैज्ञानिक मदद सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं।
स्थानीय लोग इस निर्णय की सराहना कर रहे हैं और इसे बच्चों के खिलाफ अपराधों के प्रति प्रशासन की गंभीरता के तौर पर देख रहे हैं।
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