बाबा खाटूश्यामजी का नाम दुनिया भर में प्रसिद्ध है। श्याम बाबा के जहाँ लाखों भक्त हैं, वहीं आलू सिंह जी महाराज का नाम उनके अनन्य भक्तों में अग्रणी है। बुधवार को बाबा श्याम के अनन्य भक्त आलू सिंह जी महाराज की 36वीं पुण्यतिथि है, जिनका नाम दुनिया भर में लाखों लोगों तक पहुँचा। 1 अक्टूबर 1989 को आलू सिंह जी महाराज का निधन हो गया और वे श्याम में विलीन हो गए। महाराज आलू सिंह चौहान का जन्म 1916 में हुआ था। उनके पिता किशन सिंह जी भी श्याम भक्त थे। हालाँकि, आलू सिंह जी को भक्त शिरोमणि की उपाधि प्राप्त थी।
कहा जाता है कि जब आलू सिंह जी बड़े हुए, तो उन्होंने सवाई माधोपुर के एक राजावत परिवार की कन्या से विवाह किया। इस विवाह से आलू सिंह जी को एक पुत्र हुआ, जिसका नाम पाबूदान सिंह रखा गया। कुछ वर्षों बाद आलू सिंह जी की पत्नी का निधन हो गया। इसके बाद आलू सिंह जी ने अपना पूरा जीवन बाबा श्याम की सेवा और आराधना में समर्पित कर दिया।
बाबा श्याम को समर्पित दिनचर्या
आलू सिंह की पूरी दिनचर्या बाबा श्याम को समर्पित थी। वे दूर-दूर तक पैदल यात्रा करके तरह-तरह के सुंदर फूल इकट्ठा करते, मालाएँ बनाते और श्याम बाबा को अर्पित करके उनका श्रृंगार करते। दिन भर बाबा श्याम का नाम जपना, घंटों भजन गाना और बाबा का स्मरण करना उनकी दिनचर्या बन गई थी।
लोग उन्हें मानसिक रूप से बीमार समझने लगे थे
देश, दुनिया और समाज की बातों से बेखबर और सभी बंधनों से मुक्त, आलू सिंह की अपार भक्ति आम जनता की समझ से परे थी, इसलिए वे उन्हें मानसिक रूप से बीमार समझने लगे। उन्हें क्या पता था कि जिस व्यक्ति को वे असामान्य मानते थे, वही एक दिन उनका गुणगान करेगा और बाबा श्याम की आरती में भी उनका नाम लिया जाएगा।
कहते हैं कि एक रात आलू सिंह के बड़े भाई नाथू सिंह को एक दिव्य स्वप्न आया जिसमें उन्होंने कहा कि वे उन्हें रेवाड़ी ले जाएँ और श्याम बहादुर सिंह से मिलवाएँ। नाथू सिंह ने ठीक वैसा ही किया। श्याम बहादुर सिंह जी ने आलू सिंह को देखते ही समझ लिया कि वह श्याम भक्ति में डूबा हुआ है। उनसे मिलकर अत्यंत प्रसन्न हुए और उन्हें गले लगा लिया और उन्हें ढेर सारा आशीर्वाद दिया। आज बाबा श्याम की बगिया में आलू सिंह की एक मूर्ति स्थापित है। उनके लिए एक मंदिर भी बनाया गया है। कहा जाता है कि जो भक्त बाबा श्याम के दर्शन करते हैं, वे आलू सिंह जी के भी दर्शन करते हैं, जो उनके अनन्य भक्त थे। वे उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
You may also like
दशहरे पर भीषण हादसों से कांपा उठा देशः 24 लोग डूबे-देर रात तक रेस्क्यू जारी
दिल्ली में बारिश से दशहरा उत्सव में पड़ा खलल: प्रधानमंत्री मोदी, अमित शाह नहीं कर पाए रावण दहन
कश्मीर घाटी में धूमधाम से मनाया गया दशहरा
पंडित छन्नूलाल मिश्र का पार्थिव शरीर पहुंचा वाराणसी, राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
देशभर में धूमधाम से मना विजयादशमी, जगह-जगह रावण दहन